Schlaflied / लोरी / ہو ہو بأتھ
Schlaflied
das ist ein Schlaflied für alle, die sich wehren
wenn es ans Einschlafen geht, Schlaflied
für alle, die Widerstand leisten, wenn es heißt:
Licht aus, hier wird nicht gesprochen. meine
müden Freunde, alle Stühle stehen längst
auf den Tischen der Bars, Werbetafeln surren
beim Tausch der Plakate, Kameras filmen
die leeren Eingangspforten der Banken, alle
Nachtschalter leuchten, alle Nachtbusse
durchstreifen die angestrahlte Kathedrale
der Stadt. wir reden nur noch in Bildern. aber
wissen wir überhaupt, wie sich „Dunkelheit“
schreibt? meine müden, nachtblinden Freunde
wir warten auf gute Nachricht, denn gute
Nachricht bei Tage ist rar, wir warten auf zwei
drei von den guten, surrenden Träumen
vier Friedensverträge, fünf Äpfel im Tiefschlaf
wir warten auf sechs Kathedralen und auf
die sieben fetten Kühe, acht stille Stunden
voll Schlaf, wir warten auf neun fehlende
Freunde. wir zählen die Anzahl unserer Finger.
wir wehren uns noch. wir schlafen nicht ein.
Ulrike Sandig
Sie benötigen den Flashplayer
, um dieses Video zu sehen
das ist ein Schlaflied für alle, die sich wehren
wenn es ans Einschlafen geht, Schlaflied
für alle, die Widerstand leisten, wenn es heißt:
Licht aus, hier wird nicht gesprochen. meine
müden Freunde, alle Stühle stehen längst
auf den Tischen der Bars, Werbetafeln surren
beim Tausch der Plakate, Kameras filmen
die leeren Eingangspforten der Banken, alle
Nachtschalter leuchten, alle Nachtbusse
durchstreifen die angestrahlte Kathedrale
der Stadt. wir reden nur noch in Bildern. aber
wissen wir überhaupt, wie sich „Dunkelheit“
schreibt? meine müden, nachtblinden Freunde
wir warten auf gute Nachricht, denn gute
Nachricht bei Tage ist rar, wir warten auf zwei
drei von den guten, surrenden Träumen
vier Friedensverträge, fünf Äpfel im Tiefschlaf
wir warten auf sechs Kathedralen und auf
die sieben fetten Kühe, acht stille Stunden
voll Schlaf, wir warten auf neun fehlende
Freunde. wir zählen die Anzahl unserer Finger.
wir wehren uns noch. wir schlafen nicht ein.
Ulrike Sandig
लोरी
यह लोरी उन सबके लिए, जो विरोध करते हैं
जब सोने के लिए कहा जाता है, लोरी
उनके लिए जो डटे रहते हैं, जब कहा जाता है:
बत्ती बुझाओ, अब बातचीत बंद करो. मेरे
थके हुए दोस्तों कुर्सियां पहले ही
बारों की मेजों पर रखी जा चुकी हैं, बिलबोर्ड सरसरा रहे हैं
तस्वीरों के बदलने पर, कैमरे निगरानी कर रहे हैं
बैंकों के उजाड़ बरामदों की, सभी
दुकानों के रात्रि-काउंटर जगमगा रहे हैं, सभी रात की बसें
गुज़र रही हैं गिरजाघर की मानिंद रोशनी में नहाये
शहर में. हम सिर्फ तस्वीरों की मार्फ़त बोल रहे हैं. लेकिन
क्या हमें पता है, “अंधियारा” कैसे
लिखा जाता है? मेरे थके-मांदे, रतौंधी-ग्रस्त दोस्तों
हमें इंतज़ार है अच्छी खबर का, क्योंकि
दिन के वक्त अच्छी खबर दुर्लभ है, हमें इंतज़ार है दो
तीन सुखद-सुन्दर, गुंजार करते सपनों का
चार सुलहनामों का, गहरी नींद में पांच सेबों का
हमें इंतज़ार है छः गिरजाघरों और
सात तगड़ी गायों का, आठ घंटों की
चैन-भरी नींद का, हमें इंतज़ार है नौ अनुपस्थित
दोस्तों का, हम गिन रहे हैं अपनी उँगलियों की संख्या.
हम अब भी कर रहे हैं विरोध. हम सोयेंगे नहीं.
Translation Hindi: Mangalesh Dabral
ہو ہو بأتھ
یہ چھُ سارنے کیُت ہو ہو بأتھ
تمن کیُت یم شونگنہ وزِ ہوڈ چھ کران
تمن کیُت تہ یم شونگنہ برونہہ ونان چھ: ژأنگیی کرو ژھیتہء
کتھ مہ کرِو یارو!
میخانس منز ییلہ کُرسیہ میزن پیٹھ دُبہ پھرتھ تھوان چھ
چسپان اشتہار والنہ وزِ ییلہ بورڈ کھکھراے کران چھ
کیمرا چھ خألی بینک کین دیوارن درشاوان
سأری روشن دریچہ روشن
سورُے شہر زنتہ زول کرتھ گرجہ
شہر چہ ساریے روتلیی بسہ امی منزی پکان
اسیی چھ صورتن منز کلام کران۔۔۔ مگر
پَے چھُنہ انیہ گوٹ کتھ پأٹھیی انون صورتن منز
میانیو تھکیی متیو روتلیی انیو یارو!
أسیی چھِ خوش خبر بوزنس پراران۔۔۔ یکیا ییتین
دون ترین خوش اواز خوابن پراران
ژور امن معاہدہ۔۔۔پانژھ مس نیندرِ ژونٹھیی۔۔۔تہ شے گرجہ
ستھ موچن گاون، تہ آٹھن شونگتھ گأنٹن ہُند انتظار
گرند اسہ پننین اونگجن پیٹھ
أسیی چھ وُنیہ ہوڈ کرتھ
اسہ چھُنہ وُنیہ شونگُن!
Translation Kashmiri: Shafi Shauq und Naseem Shafaie
More poems
Hans im Glück, /
हान्स मज़े से है
ich bin ein Feld voller Raps verstecke die Rehe und leuchte wie 13 Ölgemälde über einander gelegt /
मुझे गलत मत समझो
vom süßen Brei /
मीठा दलिया
यह लोरी उन सबके लिए, जो विरोध करते हैं
जब सोने के लिए कहा जाता है, लोरी
उनके लिए जो डटे रहते हैं, जब कहा जाता है:
बत्ती बुझाओ, अब बातचीत बंद करो. मेरे
थके हुए दोस्तों कुर्सियां पहले ही
बारों की मेजों पर रखी जा चुकी हैं, बिलबोर्ड सरसरा रहे हैं
तस्वीरों के बदलने पर, कैमरे निगरानी कर रहे हैं
बैंकों के उजाड़ बरामदों की, सभी
दुकानों के रात्रि-काउंटर जगमगा रहे हैं, सभी रात की बसें
गुज़र रही हैं गिरजाघर की मानिंद रोशनी में नहाये
शहर में. हम सिर्फ तस्वीरों की मार्फ़त बोल रहे हैं. लेकिन
क्या हमें पता है, “अंधियारा” कैसे
लिखा जाता है? मेरे थके-मांदे, रतौंधी-ग्रस्त दोस्तों
हमें इंतज़ार है अच्छी खबर का, क्योंकि
दिन के वक्त अच्छी खबर दुर्लभ है, हमें इंतज़ार है दो
तीन सुखद-सुन्दर, गुंजार करते सपनों का
चार सुलहनामों का, गहरी नींद में पांच सेबों का
हमें इंतज़ार है छः गिरजाघरों और
सात तगड़ी गायों का, आठ घंटों की
चैन-भरी नींद का, हमें इंतज़ार है नौ अनुपस्थित
दोस्तों का, हम गिन रहे हैं अपनी उँगलियों की संख्या.
हम अब भी कर रहे हैं विरोध. हम सोयेंगे नहीं.
Translation Hindi: Mangalesh Dabral
ہو ہو بأتھ
یہ چھُ سارنے کیُت ہو ہو بأتھ
تمن کیُت یم شونگنہ وزِ ہوڈ چھ کران
تمن کیُت تہ یم شونگنہ برونہہ ونان چھ: ژأنگیی کرو ژھیتہء
کتھ مہ کرِو یارو!
میخانس منز ییلہ کُرسیہ میزن پیٹھ دُبہ پھرتھ تھوان چھ
چسپان اشتہار والنہ وزِ ییلہ بورڈ کھکھراے کران چھ
کیمرا چھ خألی بینک کین دیوارن درشاوان
سأری روشن دریچہ روشن
سورُے شہر زنتہ زول کرتھ گرجہ
شہر چہ ساریے روتلیی بسہ امی منزی پکان
اسیی چھ صورتن منز کلام کران۔۔۔ مگر
پَے چھُنہ انیہ گوٹ کتھ پأٹھیی انون صورتن منز
میانیو تھکیی متیو روتلیی انیو یارو!
أسیی چھِ خوش خبر بوزنس پراران۔۔۔ یکیا ییتین
دون ترین خوش اواز خوابن پراران
ژور امن معاہدہ۔۔۔پانژھ مس نیندرِ ژونٹھیی۔۔۔تہ شے گرجہ
ستھ موچن گاون، تہ آٹھن شونگتھ گأنٹن ہُند انتظار
گرند اسہ پننین اونگجن پیٹھ
أسیی چھ وُنیہ ہوڈ کرتھ
اسہ چھُنہ وُنیہ شونگُن!
ترجمہ : شفیع شوق-نسیم شفأیی-بشیرأحمد
Translation Kashmiri: Shafi Shauq und Naseem Shafaie
Biography Ulrike Almut Sandig
More poems
Hans im Glück, /
हान्स मज़े से है
ich bin ein Feld voller Raps verstecke die Rehe und leuchte wie 13 Ölgemälde über einander gelegt /
मुझे गलत मत समझो
vom süßen Brei /
मीठा दलिया